साबूदाना (sago) एक ऐसा भोज्य पदार्थ है जो एनर्जी और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होता है। साबूदाना सैगो पाम (sago palm) नमक पेड़ के तने से...
साबूदाना
(sago) एक ऐसा भोज्य पदार्थ है जो एनर्जी और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होता
है। साबूदाना सैगो पाम (sago palm) नमक पेड़ के तने से निकलने वाले पदार्थ
या गूदे से बनता है। इसे ‘टेपिओका पर्ल’ (tapioca pearls) के नाम से भी
जाना जाता है। यह कार्बोहाइड्रेट से भरपूर एक आहार है जिसका प्रयोग
सम्पूर्ण आहार के तौर पर भी किया जाता है और इससे कई तरह के और भी व्यंजन
बनाए जाते हैं। मुख्यतः साबूदाने का प्रयोग विभिन्न तरह की पूडिंग, खिचड़ी,
खीर और उपमा आदि बनाने में किया जाता है। सबूदाने के पापड़ और साबूदाने की
खिचड़ी बहुत लोकप्रिय व्यंजन है जिसे व्रत या उपवास के दौरान खाया जाता है।
आजकल इसका प्रयोग विभिन्न तरह के ऐसे कार्बोनेटेड ड्रिंक में भी किया जा
रहा है जो एनर्जी के लिए प्रयोग किए जाते हैं। पर उनमें आर्टिफ़िशियल, कलर
और मीठे का प्रयोग भी किया जाता है। यह एक ऐसा भोज्य पदार्थ है जो ठंडी
प्रकृति का होने के साथ साथ पचने में भी आसान व हल्का होता है। यह जल्दी और
आसानी से पच जाता है। केक और ब्रेड बनाने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता
है। साबूदाना हल्के और सुपाच्य भोजन का एक अच्छा विकल्प है इसके अलावा इसे
किसी डिश को गाढ़ा बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
साबूदाने से जुड़ी कुछ खास बातें और साबूदाना खाने से होने वाले फायदे के बारे में कुछ जानकारी इस प्रकार है,
साबूदाने को हमेशा सूखे और एयर टाइट डिब्बे या कंटेनर में पैक कर के रखना चाहिए। लंबे समय तक इस्तेमाल के लिए इसे आद्र या नमी से दूर रखना बेहतर होता है। व्हाइट पर्ल सगो (white pearl sago) पानी में भिगोने पर सफ़ेद हो जाते हैं और जब इन्हें पकाया जाता है तो यह पारदर्शी से दिखाई देने लगते हैं। साबू में किण्वन या फ़र्मेंटेशन के बाद इसके पोषक गुण पहले से अधिक हो जाते हैं।
साबूदाने से जुड़ी कुछ खास बातें और साबूदाना खाने से होने वाले फायदे के बारे में कुछ जानकारी इस प्रकार है,
1. पचने में सहायक (Aid in digestion)
साबूदाने को एक सुपाच्य आहार माना जाता है, यह जल्दी और आसान तरीके से पच जाता है। इसके खास गुण की वजह से यह पेट को भरने के साथ छोटे बच्चों के लिए भी श्रेष्ठ आहार माना जाता है। इसे दूध या पानी के साथ उबाल कर इसमें चीनी डालकर स्वाद को बढ़ाया जा सकता है, इलायची आदि के द्वारा इसमें खुशबू के साथ स्वादिष्ट तरीकों से पकाकर खाने में सुविधा मिलती है।2. पोषक तत्वों की मात्रा (Nutritional value)
साबू के दानें 2 मिलीमीटर के आकार में पाये जाते हैं, जो कार्बोहाइड्रेट का मुख्य स्रोत हैं इसके साथ इसमें अतिअल्प मात्रा में प्रोटीन, विटामिन सी, कैल्शियम और मिनरल पाये जाते हैं। 100 ग्राम साबू के दानें में 355 कैलोरी होती है। इसमें 94 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, फैट और प्रोटीन होता है।3. शरीर और साबूदाना (Body and sago)
साबू दानें में काफी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट के साथ प्राचीन इतिहास भी छिपा हुआ है। कहा जाता है कि, पुराने समय में चावल के साथ साबूदाने का प्रयोग शरीर को ठंडा रखने के लिए किया जाता था। यह शरीर को अत्यधिक गर्मी से बचाकर ठंडा रखने में मदद करता है और पित्त को भी शांत करता है। यह प्रचिन्न समय से ही अपने गुणों की वजह से एक लोकप्रिय और प्रसिद्ध आहार है। इसके प्राकृतिक औषधिय गुण केवल भारत के लोगों तक ही सीमित नहीं है बल्कि भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों से लगे देश जैसे श्रीलंका, न्यू गिनी और अन्य एशियन पेसिफिक देशों में भी इसका प्रयोग भोजन के साथ इसके औषधिय गुणों की वजह से किया जाता है।4. साबूदाने से बनने वाले व्यंजन (Sago dishes)
साबूदाने की मदद से भारतीय पाक शैली में कई तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं। साबू दाने से मीठे और नमकीन, चटपटे और हर तरह के स्वाद वाले व्यंजन बनाए जाते हैं। इसमें प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स की बहुत ही कम मात्रा होती है इसीलिए इसमें विभिन्न प्रकार की पुष्टिवर्धक चीजें मिलाकर इसे अधिक पौष्टिक तरीके से बनाया व खाया जाता है। इसे और अधिक स्वादिष्ट बनाने के लिए इसे मसालों की महक के साथ खुशबूदार और स्वादिष्ट बनाया जाता है। भारत के विभिन्न प्रान्तों में इसे विभिन्न तरीकों से खाया जाता है, साबूदाने की खिचड़ी या पिलाफ़, सूखे साबूदाने को तलकर चिवड़े और पापड़ के रूप में खास तौर पर व्रत या उपवास के दौरान प्रयोग में लाया जाता है। बेक्ड केक और पैन केक में भी इसका अत्यधिक इस्तेमाल किया जा रहा है।5. एनर्जी प्रदान करने वाला (A High energy booster)
साबूदाने से बने व्यंजन उच्च ऊर्जा से भरपूर होते हैं, अगर इनका प्रयोग नाश्ते के समय किया जाए तो आप सारा दिन खुद को ऊर्जावान महसूस कर सकते हैं। इसके अलावा ऐसे व्यक्ति जो बिमार हैं उनके लिए भी साबूदाना एक बेहतरीन खाद्य पदार्थ है। यह रोगी व्यक्ति के शरीर में ऊर्जा के स्तर को सही बनाए रखता है और कमजोरी आदि को भी दूर करता है।साबूदाने को हमेशा सूखे और एयर टाइट डिब्बे या कंटेनर में पैक कर के रखना चाहिए। लंबे समय तक इस्तेमाल के लिए इसे आद्र या नमी से दूर रखना बेहतर होता है। व्हाइट पर्ल सगो (white pearl sago) पानी में भिगोने पर सफ़ेद हो जाते हैं और जब इन्हें पकाया जाता है तो यह पारदर्शी से दिखाई देने लगते हैं। साबू में किण्वन या फ़र्मेंटेशन के बाद इसके पोषक गुण पहले से अधिक हो जाते हैं।
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