गठिया या जोड़ों की सूजन या आर्थ्राइटिस कई बिमारियों का संयोजन है। गठिया और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसे जोड़ों के विकार इसमें शामिल हैं। ग...
गठिया
या जोड़ों की सूजन या आर्थ्राइटिस कई बिमारियों का संयोजन है। गठिया और
ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसे जोड़ों के विकार इसमें शामिल हैं। गठिया आपकी
उंगलियों को विकृत और मुड़ा हुआ बनाता है और ऑस्टियोआर्थराइटिस घुटने कमजोर
कर देता है।
हड्डियों और जोड़ों से मानव शरीर को मजबूत रखने में सहाय्यता मिलती है। लेकिन बढती उम्र और भारी शारीरिक गतिविधि से हड्डियों की मजबूती, हड्डियों का स्वास्थय बिघड़ता जाता है। कैल्शियम, विटामिन डी, विटामिन सी और सेलेनियमयुक्त खाद्य पदार्थ खाने से हड्डियों की मजबूती, हड्डियों और जोड़ों को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है।
विटामिन डी कैल्शियम के अवशोषण और हड्डियों के विकास को बेहतर बनाता है, जबकि कैल्शियम, हड्डियों की संरचना का समर्थन करता है। यह पोषक तत्व प्रारंभिक जीवन में महत्वपूर्ण हैं, लेकिन बढती उम्र में भी उन्हें आहार में शामिल करने से मदद मिलती है।
हड्डियों और जोड़ों से मानव शरीर को मजबूत रखने में सहाय्यता मिलती है। लेकिन बढती उम्र और भारी शारीरिक गतिविधि से हड्डियों की मजबूती, हड्डियों का स्वास्थय बिघड़ता जाता है। कैल्शियम, विटामिन डी, विटामिन सी और सेलेनियमयुक्त खाद्य पदार्थ खाने से हड्डियों की मजबूती, हड्डियों और जोड़ों को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है।
विटामिन डी कैल्शियम के अवशोषण और हड्डियों के विकास को बेहतर बनाता है, जबकि कैल्शियम, हड्डियों की संरचना का समर्थन करता है। यह पोषक तत्व प्रारंभिक जीवन में महत्वपूर्ण हैं, लेकिन बढती उम्र में भी उन्हें आहार में शामिल करने से मदद मिलती है।
योग्य खाद्य पदार्थ आपको गठिया या आर्थ्राइटिस से कैसे बचाते हैं (How foods help prevent arthritis)
गठिया के उपचार, डॉक्टर अक्सर इबुप्रोफेन (ibuprofen) नामक दवा देकर गठिया को कम करते हैं। लेकिन योग्य खाद्यपदार्थ खाना ही इस रोग को दूर करने का सही तरीका है। यहाँ ऐसे ही कुछ पदार्थ दिए जा रहे हैं जो आपके जोड़ों और हड्डियों के स्वास्थय के लिए उपयोगी हैं। जैसा कि पहले भी बताया गया है कि गठिया एक सूजन वाली बीमारी है। गठिये की समस्या उम्र के साथ भी पैदा हो सकती है। यह समस्या शरीर में पोषक तत्वों के अभाव से भी पैदा होती है। ऐसी समस्याओं से बचने के लिए स्वास्थ्यकर भोजन का सेवन प्रारम्भ कर दें जिससे आगे जाकर आपका शरीर बिल्कुल स्वस्थ रहेगा।- मछली (Fish se haddiyon ki dekhbhal) – ओमेगा – 3 (omega-3) फैटी एसिड से भरी हुई है। ओमेगा – 3 फैटी एसिड सूजन कम कर देता है। कैल्शियम की अच्छी मात्रा मिलने के लिए सार्डिन, ट्यूना और सालमन मछली खाएं। ओमेगा 3 (omega-3) में स्वास्थ्यकर वसा होता है जो मस्तिष्क की कार्यशीलता बढ़ाता है और आपके दिल को स्वस्थ रखता है। ये फैटी एसिड्स (fatty acids) गठिये और अन्य किसी दर्द के फलस्वरूप अकडन को दूर करते हैं। यह शरीर में ज़्यादा कैल्शियम (calcium) का संचार करते हैं जिससे हड्डियां मज़बूत होती हैं। फैटी एसिड वाली मछलियों से आपको लाल मांस के बराबर के पोषक तत्व भी प्राप्त होते हैं। गठिये से बचने के लिए अपने रोजाना के खानपान में मछलियों को शामिल करें। हेरिंग, वर्क साल्मन, टूना, ट्राउट, सारडाइन्स, हलिबेट फ़्लाउंडर या मैकरेल (herring, work salmon, tuna, trout, sardines, halibut flounder or mackerel) आदि के सेवन से आपको गठिये और जोड़ों के दर्द से राहत मिलेगी।
- कम वसा वाले डेरी उत्पाद (Low-Fat dairy products) – कम चरबी वाले डेयरी उत्पाद: गठिया के उपचार, यह उत्पाद पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व , विटामिन डी और कैल्शियम प्रदान कर आपकी हड्डियों की ताकत बढाते हैं और आपको ऑस्टियोपोरोसिस और अस्थिभंग रोकने में मदद करते हैं। बेहतर परिणाम के लिए केवल बिना चरबी या कम चरबी वाले दूध, पनीर और दही चुनें। अगर आप इनमे शामिल लैक्टोज हजम ना कर पायें तो सोया आधारित उत्पादों का उपयोग करें। कम वसा वाले डेरी उत्पाद गाउट (gout) के लक्षणों को दूर कर सकते हैं। यह एक तरह का गठिया होता है जिसके अंतर्गत शरीर का यूरिक एसिड (uric acid) बढ़कर किसी जोड़ में जमा हो जाता है।
- अलसी (Flaxseed) – गठिया के उपचार, अलसी में भी ओमेगा – 3 (omega-3) फैटी एसिड होते हैं और यह तंतु से भरा होता है। अलसी खाने से अतिरिक्त वजन घटता है जिससे जोड़ों पर अधिक तनाव या दबाव नहीं आता। आपके अनाज में, दही या पके हुए वस्तुओं में अलसी मिलाकर खा सकते हैं। अलसी आपका हाजमा दुरुस्त करते हैं और भोजन के बीच इसका सेवन करने पर आपका पेट भरा रहता है। आल्सो सूजन दूर करती है और अन्य कई तरीकों से आपकी सहायता करती है। अलसी का रोजाना प्रयोग करके अपने जोड़ों के दर्द को दूर भगाएं।
- साबुत अनाज (Whole grains) – साबुत अनाज: साबुत अनाज मजबूत हड्डियों को प्रदान करते हैं। साबुत अनाज का ब्रेड, पास्ता, चावल, पॉपकॉर्न आपके संधिशोथ में सुधार लाते हैं। साबुत अनाज काफी पोषक खाद्य पदार्थ होते हैं। ये खाद्य पदार्थ फाइबर (fiber) से भरपूर होते हैं, अतः ये आपके हाजमे की देखभाल करते हैं और दिल के लिए भी अच्छे होते हैं। जब भी आप कोई खाद्य उत्पाद खरीदें तो इस बात की जांच कर लें कि इसमें असल साबुत अनाज है या नहीं, जिससे कि आपकी हड्डियों को कोई नुकसान ना पहुंचे।इस तरह के अन्य स्वास्थ्यकर खाद्य उत्पादों का सेवन करने पर गठिये की समस्या से निजात मिलती है और आपकी हड्डियां मज़बूत होती हैं। ऐसी स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए शुरुआत से ही सावधानी बरतें। इस समस्या को बढ़ने से पहले ही ख़त्म कर देने के लिए पौष्टिक भोजन का सेवन काफी ज़रूरी है। जोड़ों को मज़बूत बनाने वाले तथा आपको स्वस्थ रखने के लिए खाद्य पदार्थों का सेवन करें। इससे आपका भविष्य भी बेहतर बनेगा।
हड्डियों और जोड़ों को स्वस्थ रखने के लिए कुछ पदार्थ (Foods improve the health of bone & joints)
- दूध (Milk hai jodo ke liye khana) – हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह कैल्शियम का समृद्ध स्रोत हैं। कुछ दूध उत्पादकों द्वारा दुध में विटामिन डी मिलाया जाता है जो कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ावा देता है। जिन लोगों को दुग्ध उत्पाद रास नहीं आते, वे दूध की जगह सोया दूध या बादाम दूध का सेवन कर सकते हैं।
- सादा दही (Curd) – दूध की तरह दही भी कैल्शियम से भरपूर है और कुछ उत्पादक इसमें विटामिन डी मिलाते हैं जो कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक होता है। दही प्रोटीन का एक स्रोत है जो शरीर में ऊतकों का निर्माण और मरम्मत में मदद करता है। फ्लेवर्ड (flavored) दही से सादी दही कहीं ज़्यादा लाभकारी होती है।
- हरी पत्तेदार सब्जियां (Leafy vegetables) – पालक और गोभी की तरह हरी पत्तेदार सब्जियों में विटामिन सी और सेलेनियम खनिज होता है। सेलेनियम में एंटीऑक्सीडेंट गुण हैं जो हड्डियों और जोड़ों के स्वास्थ्य का समर्थन करने के लिए मदद करता है। विटामिन सी (vitamin C) शरीर की लचीली हड्डियों की कार्यशीलता और सुरक्षा में इजाफा करता है, क्योंकि यह शरीर के मुख्य जोड़ों को सहारा प्रदान करता है।
- कैल्शियम (Calcium hai haddiyon ka khana) मिश्रित अनाज में उच्च मात्रा में तंतु होते हैं और शक्कर कम होती है| एक कप पाश्चराइज्ड दूध हड्डीयों और जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्वों के दैनिक मूल्य प्रदान करता है। मिश्रित अनाज आपके दिन की शुरुआत में दोगुना कैल्शियम प्रदान करते हैं। नाश्ते के अनाजों को पौष्टिक बनाने के लिए उनमें विटामिन और खनिज पदार्थों का मिश्रण किया जाता है।
- एडामेम (Edamame) – एशियाई सोयाबीन कहलाया जाने वाला यह खाद्य उत्पाद काल्सिउम्क से भरपूर होता है। ज़्यादातर किराने की दुकानों पर ताज़े या जमे हुए भाव में एडामेम मिलता है। ताज़े एडामेम की फली को हल्के नमकीन पानी में उबालें, या फिर जमे हुए एडामेम को माइक्रोवेव (microwave) में डालें और इस पर थोड़ी सी मात्रा में तिल का तेल छिड़कें।
- ज़्यादा मात्रा में लीन प्रोटीन्स (lean proteins) का सेवन करें और लाल मांस, पोल्ट्री स्किन, लार्ड (poultry skin, lard), मक्खन, मलाई और ट्रॉपिकल तेलों (tropical oils) का सेवन ना करें।
- हड्डियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने वाले फल और कई तरह की सब्जियों का सेवन करें। हर फल में अलग तरह के पोषक पदार्थ होते हैं। फल और सब्जियों में ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो आपकी हड्डियों के लिए काफी अच्छे होते हैं।
- प्रोटीन (Protein) हड्डियों के लिए उपयुक्त कोलेजन फाइबर के उत्पादन में मदद करता है। पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन का सेवन हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। मुर्गी, मछली, कम चरबी या चरबी मुक्त डेयरी खाद्य पदार्थ, सुखा मेवा खाएं।
- मैग्नीशियम – पालक, भिंडी, टमाटर, आलू, बीट, रतालू और किशमिश
- पोटैशियम – किशमिश, आलू, टमाटर, पाल, रतालू, पपीता, संतरा और केला
- विटामिन सी – अनानास, अंगूर, स्ट्रॉबेरी, ब्रोकोली, पपीता और संतरा
- विटामिन क – पालक
हड्डियों के स्वास्थय के लिए और सुझाव (Other tips for bone health)
- नमक का प्रयोग खाने को स्वाद देने के साथ ही इसे लम्बे समय तक रखने के लिए भी किया जाता है। आप घर पर बने भोजन में कम नमक का इस्तेमाल करके और डिब्बाबंद भोजन, जमे हुए भोजन, सॉस और ड्रेसिंग (sauces and dressings) का सेवन कम करके नमक का सेवन कम कर सकते हैं। नमक कम मात्रा में खाएं। ज्यादा नमक हड्डियों को भंगुर कर सकता है।
- शराब, चाय, कॉफ़ी का ज़्यादा सेवन हानिकारक है क्योंकि ये शरीर में कैल्शियम की मात्रा घटा देते हैं और हड्डियों को कमज़ोर कर देते हैं। शराब, चाय, कॉफ़ी और कोल्ड ड्रिंक कम मात्रा में सेवन करें।
- अपना वजन काबू में रखें। तेज गति में वजन घटाने के पीछे न लगें जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का ख़तरा बढ़ जाता है।
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