Custard Apple (sitafal) health benefits in Hindi सीताफल या शरीफा उपशीतोष्ण फल है. यह अन्नोसीए प्रजाति का फल है, और अपने आकार के और फल के ...
Custard Apple (sitafal) health benefits in Hindi सीताफल या
शरीफा उपशीतोष्ण फल है. यह अन्नोसीए प्रजाति का फल है, और अपने आकार के और
फल के ऊपरी त्वचा के खुरदुरे उभार इसे बिल्कुल अलग ही पहचान प्रदान करते
है. सफ़ेद रंग का इसका गूदा मलाईदार, दादानेर और दही की तरह गीला होता है,
तथा इसके काले रंग के बीज होते है. इस फल का व्यास 8 सेंटीमीटर होता है.
इसका आकार अनियमित गोल, हृद्य के आकार का होता है. इस फल का बाहरी आवरण
काफी कड़ा और पतला होता है. यह फल ज्यादातर वेस्टइंडीज. केन्द्रीय अमेरिका,
पेरू, मेक्सिको में होता है.
सीताफल का इतिहास (History of Custard Apple)
सीताफल का पैराणिक किंवदतियों में उल्लेख किया गया है. कुछ धर्मग्रंथों में इस बात का उल्लेख है कि राजा दशरथ ने जब राम को पत्नी मोह में आकर जंगलों में रहने भेज दिया था, उस समय राम सीता के लिए ये फल लाते थे. सीता को यह फल प्रिय था, इसलिए इस फल को सीताफल कहते हैं. हालंकि पैराणिक नाम से ऐतिहासिक सत्य सिद्ध नहीं किया जा सकता है. वानस्पति शास्त्र से जुड़े लोगों का कहना है कि शीत काल में इस फल की पैदावार होने के कारण लोग इसे सीताफल कहते है, दूसरा एक मेडिकल कारण भी है कि इस फल के अधिक सेवन से भी सर्दी जुकाम हो सकता है इसलिए भी लोग इसे सीताफल कहते है.
सीताफल के प्रकार (Types of Custard Apple)
यह फल कई प्रकार के होते हैं –
सीताफल में कई प्रकार के पोषणकारी खनिज पदार्थ होते है. ये खनिज पदार्थ शरीर के लिए काफी अच्छे होते हैं.

इसके अतिरिक्त कुछ फायदे निम्न है:-
सीताफल का इतिहास (History of Custard Apple)
सीताफल का पैराणिक किंवदतियों में उल्लेख किया गया है. कुछ धर्मग्रंथों में इस बात का उल्लेख है कि राजा दशरथ ने जब राम को पत्नी मोह में आकर जंगलों में रहने भेज दिया था, उस समय राम सीता के लिए ये फल लाते थे. सीता को यह फल प्रिय था, इसलिए इस फल को सीताफल कहते हैं. हालंकि पैराणिक नाम से ऐतिहासिक सत्य सिद्ध नहीं किया जा सकता है. वानस्पति शास्त्र से जुड़े लोगों का कहना है कि शीत काल में इस फल की पैदावार होने के कारण लोग इसे सीताफल कहते है, दूसरा एक मेडिकल कारण भी है कि इस फल के अधिक सेवन से भी सर्दी जुकाम हो सकता है इसलिए भी लोग इसे सीताफल कहते है.
सीताफल के प्रकार (Types of Custard Apple)
यह फल कई प्रकार के होते हैं –
- गुलाबी बृहद आकार का – इसका आकार काफी बड़ा होता है और ये सबसे ज्यादा स्वादिष्ट होता है. इस फल को पिंक आस्ट्रेलिया के रहने वाले एक सज्जन के नाम पर रखा गया. पिंक महाशय ने ही इस फल को आस्ट्रेलिया में लाया था.
- अफ्रीकन प्राइड – यह दस फीट लंबा पेड़ होता है और इसमें सीताफल का आकार भी छोटा होता है. यह पिंक सीताफल की अपेक्षा ज्यादा बीजों वाला होता है.
- लेट गोल्ड – नरम त्वचा के साथ ये सुनहरा सीताफल काफी दुर्लभ होता है. यह प्रजाति उत्तरी नदियों के आसपास होती है.
- गेफनर– यह प्रजाति इस्ररायल में होती है. इसका स्वाद सबसे अलग और विशिष्ट होता है.
- हिलेरी सफेदी – यह औसत आकार का नरम त्वचा वाला सीताफल है.
सीताफल में कई प्रकार के पोषणकारी खनिज पदार्थ होते है. ये खनिज पदार्थ शरीर के लिए काफी अच्छे होते हैं.
- विटामीन सी – सीताफल में विटामिन सी की अधिकता रहती है जो कि रोगों की प्रतिरक्षा करता है.
- विटामिन ए – सीताफल में मौजूद विटामिन ए स्कीन और हेयर के लिए तो अच्छा होता ही है परन्तु आँखों के लिए भी लाभदायक है.
- पोटैशियम आपको उर्जा प्रदान करता है.
- मैगनेशियम शरीर के पीएच लेवल को संतुलित रखता है
- कॉपर दस्त को दूर करता है
- फाइबर आसानी से भोजन को पचाने में काम आता है.

सीताफल खाने के फायदे ( Health Benefits of Custard Apple in Hindi)
- वजन बढाने के लिए
- रोगों से प्रतिरक्षा के लिए
- ह्रदयघात से बचने के लिए
- कमजोरी दूर और ऊर्जा भरपर
- आँखों की सुरक्षा
- मानसिक व्यग्रता
- दांत और मंसूड़ो के लिए
- अलर्जिक घाव
- बालों की सुरक्षा
- डिसेंट्री
- गर्भ धारण के समय
इसके अतिरिक्त कुछ फायदे निम्न है:-
- मासिक धर्म के समय स्वस्थ रक्त का प्रतिसंचार
- कीड़ों के काटने पर छीलन को पीस कर लगाने से उपचार
- पेड़ों के पत्ते से घाव को ढ़कने पर बैक्टियरिया का न फैलना
- व्यवहारिक तौर पर चिड़चिड़ापन दूर करने के लिए भी सीताफल का लगातार सेवन फायदेमंद होता है. इसमें मौजूद विटामिन बी कंपलेक्स आपके नाभि को शीतल करता है और मानसिक व्यग्रता से राहत देता है.
- रक्त अल्पता से बचने के लिए भी आप इसका सेवन कर सकते हैं. इसके खाने से आपके शरीर में रक्त संचार भी दुरूस्त रहता है.
- सीताफल के लगातार सेवन से गठिया रोग से आराम मिलता है. बुढ़ापे के इस रोग से जीवन काफी कष्टप्रद हो जाता है, इसलिए इसका सेवन अधिक उम्र के लोगों के लिए अच्छा होता है.
- शरीर में मौजूद शर्करा की मात्रा को सामय् रखने के लिए इसका सेवन आवश्यक होता है. शुगर को एवर्जाब करके सीताफल ये काम करता है.
- सीताफल का सेवन करने से पहले उसे अच्छी तरह से धो ले.
- खाते समय छिलके और बीज को ध्यान से देखकर खायें. इसमें टॉक्सिक तत्व होते हैं.
- मधुमेह के रोगी इसे न खायें या फिर चिकित्सक की सलाह लें.
- बाहरी उपयोग के लिए एक बार आयुर्वेद डॉक्टर से सलाह लें.
पोषक तत्वों | मात्रा |
मौलिक संघटक | |
प्रोटीन | 5.2 ग्रा |
पानी | 183 ग्रा |
एश | 1.9 ग्रा |
कैलोरी | |
कुल कैलोरी | 235 |
कार्बोहाइड्रेट से कैलोरी | 213 |
वसा से कैलोरी | 6.1 |
प्रोटीन से कैलोरी | 17 |
कार्बोहाईड्रेट | |
कुल कार्बोहाइड्रेट | 59 ग्रा |
फाइबर आहार | 11 ग्रा |
वसा और फैटी एसिड | |
कुल वसा | 725 मिलीग्राम |
संतृप्त वसा | 120 मिलीग्राम |
मोनोसैचुरेटेड वसा | 285 मिलीग्राम |
पॉलीअनसेचुरेटेड वसा | 100 मिलीग्राम |
ओमेगा -6 फैटी एसिड | 100 मिलीग्राम |
विटामिन | |
विटामिन ए | 15 IU |
विटामिन सी | 91 mg |
थायमिन | 275 mcg |
राइबोफ्लेविन | 283 mcg |
नियासिन | 2.2 mg |
विटामिन बी -6 | 500 mcg |
फोलेट | 35mcg |
पैंटोथैनिक एसिड | 565 mcg |
खनिज | |
कैल्शियम | 60 मिलीग्राम |
लोहा | 1.5 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम | 53 मिलीग्राम |
फास्फोरस | 80 मिलीग्राम |
पोटैशियम | 618 मिलीग्राम |
सोडियम | 23 मिलीग्राम |
जस्ता | 250 मिलीग्राम |
तांबा | 215 मिलीग्राम |
सेलेनियम | 1.5 मिलीग्राम |
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