कैंसर के बारे में आज कल सभी को पता चल गया है क्योंकि इस खतरनाक रोग के शिकार अनेक लोग बनते आ रहे है और ये संख्या दिन प्रतिदिन बढती ही...

कैंसर
के बारे में आज कल सभी को पता चल गया है क्योंकि इस खतरनाक रोग के शिकार
अनेक लोग बनते आ रहे है और ये संख्या दिन प्रतिदिन बढती ही जा रही है। अनेक
प्रकार के कैंसर में से एक स्किन कैंसर भी है जो अन्य कारणों के वजह से
उत्पन्न होने लगता है। ज्यादा समय सूरज की किरणों में बिताना एक सबसे मुख्य
कारण स्किन कैंसर का है। जो लोगो की प्रतिरक्षा प्रणाली कमज़ोर है उन सबको
स्किन कैंसर, सूरज से आने वाली UV रेस के कारण हो सकता है। स्किन कैंसर के
दो प्रकार है एक है मेलेनोमा (melanoma) और दूसरा नॉन मेलेनोमा (non
melanoma) है। नॉन मेलेनोमा स्क्वैमस सेल्स या बसल सेल्स से शुरू होता है।
ये त्वचा के बाहरी परत पर पाए जाते है और इसलिए इनका इलाज करना आसान होता
है। सूरज की किरणों के कारण ये हल्का सा कैंसर चेहरे, पीठ, कान, होठ और
अन्य पर उत्पन्न हो सकता है।
कैंसर आज कल के दिनों में ज्यादा घातक रोग नहीं रहा है क्योंकि मेडिकल साइंस ने इतनी उन्नति प्राप्त कर ली है की लोग अलग प्रकार के कैंसर से छुटकारा पा सकते है। स्किन कैंसर जिसके बारे में दर्शाया जा रहा है, इसका भी इलाज मुमकिन है। लेकिन कैंसर के सेल्स का त्वचा की परत पर ज्यादा फैलने से भी, ये घातक हो सकता है। इसलिए ये महत्वपूर्ण है की आप स्किन कैंसर के संकेत और लक्षणों के बारे में पहले से ही जान लें। इस से आप अपने इलाज की प्रक्रिया को तुरंत ही शुरू कर सकते है और साथ ही अपने कैंसर के सेल्स को बढ़ने से रोक सकते है।
हर दो महीने में अपनी त्वचा को सिर से लेकर पैर तक पूर्ण आईने का उपयोग कर अच्छे से जांच लें। अपने मुंह, नाक, सिर की त्वचा, हथेली, कानो के पीछे, तलवों, जननांग क्षेत्र (genital area) और नितंबों के बीच (between the buttocks) के स्थान को छोटे आईने के उपयोग से जांच लें। अपनी हर त्वचा पर ध्यान दें और ज्यादा ध्यान तिल पर दें, जिस से स्किन के कैंसर के बारे में पता चल सके।
अगर आप स्किन कैंसर को शुरूआती दौर में ही पता लगा लेते है तो आप इसका इलाज कर सकते है।
कैंसर आज कल के दिनों में ज्यादा घातक रोग नहीं रहा है क्योंकि मेडिकल साइंस ने इतनी उन्नति प्राप्त कर ली है की लोग अलग प्रकार के कैंसर से छुटकारा पा सकते है। स्किन कैंसर जिसके बारे में दर्शाया जा रहा है, इसका भी इलाज मुमकिन है। लेकिन कैंसर के सेल्स का त्वचा की परत पर ज्यादा फैलने से भी, ये घातक हो सकता है। इसलिए ये महत्वपूर्ण है की आप स्किन कैंसर के संकेत और लक्षणों के बारे में पहले से ही जान लें। इस से आप अपने इलाज की प्रक्रिया को तुरंत ही शुरू कर सकते है और साथ ही अपने कैंसर के सेल्स को बढ़ने से रोक सकते है।
हर दो महीने में अपनी त्वचा को सिर से लेकर पैर तक पूर्ण आईने का उपयोग कर अच्छे से जांच लें। अपने मुंह, नाक, सिर की त्वचा, हथेली, कानो के पीछे, तलवों, जननांग क्षेत्र (genital area) और नितंबों के बीच (between the buttocks) के स्थान को छोटे आईने के उपयोग से जांच लें। अपनी हर त्वचा पर ध्यान दें और ज्यादा ध्यान तिल पर दें, जिस से स्किन के कैंसर के बारे में पता चल सके।
अगर आप स्किन कैंसर को शुरूआती दौर में ही पता लगा लेते है तो आप इसका इलाज कर सकते है।
स्किन कैंसर रोग के प्रकार (Kinds of skin cancerous disease)
- मलिगंत मेलेनोमा (Malignant melanoma)
- बसल सेल कार्सिनोमा (Basal cell carcinoma)
- स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (Squamous cell carcinoma)
- स्किन लिंफोमा (Skin lymphoma)
- स्किन अद्नेक्साल ट्यूमर (Skin adnexal tumor)
- मर्केल सेल कार्सिनोमा (Markel cell carcinoma)
- कपोसी सार्कोमा (Kaposi sarcoma)
- कैरातोअकान्थोमस (Keratoacanthomas)
स्किन कैंसर के संकेत और लक्षण (Signs and symptoms of skin cancer)
स्किन कैंसर के संकेत और लक्षणों के बारे में जानने से पहले सबसे पहले ये जान लें की स्किन कैंसर दो केटेगरी के है। एक मेलेनोमा कैंसर है और दूसरा नॉन मेलेनोमा है। नीचे इनके लक्षणों को दर्शाया गया है,- त्वचा पर एक असामान्य प्रकार की गांठ (lump)।
- जख्म (sore) या गांठ दूर नहीं हो रहे है।
- सबसे पहले त्वचा पर पीले पैच (pale patches) दिखाई देंगे।
- ये त्वचा के निर्माण (formation) में कोई उत्तेजना (sensation) नहीं होती।
- इसके निर्माण पर बिलकुल भी दर्द नहीं होता।
स्किन कैंसर के लक्षण (Symptoms of skin cancer – twacha ke cancer ke lakshan)
- एक छोटा स्पॉट जो चिपचिपा है, पीले रंग का है और बनावट में चमकदार है।
- एक लाल स्पॉट जो दृढ़ दिखे।
- स्पॉट जिसमे से खून निकले और जो ठोस बन गया हो और जो फोड़ा (sores) की तरह दिखे।
- त्वचा असमतल और दरिद्र (scaly) बन रही होगी।
- नयी त्वचा का उदविकास (evolving) नहीं हो रहा होगा।
- वर्तमान में त्वचा के विकास में बदलाव।
- त्वचा के उत्तेजना में अचानक से बदलाव जैसे की दर्द, खुजली और साथ ही नरमी।
- एक ऐसा फोड़ा उत्पन्न हो जाता है जो की आसानी से ठीक नहीं होता है।
- त्वचा के रंग में बदलाव।
- तिल (mole) के साइज़ में बदलाव।
- त्वचा पर उत्पन्न हुए तिल के रंग में बदलाव।
- त्वचा पर बिना कोई दर्द के तिल या गांठ का उत्पन्न होना।
- त्वचा पर पिगमेंटेशन का फैलना बिना कोई सीमा के।
- फोड़ा या तेल के चारो ओर डार्क रंग का बनना।
- गांठ के लुक में बदलाव सहित खून और सरहना (scales)।
स्किन कैंसर को रोकने के लिए सुझाव (Tips to prevent skin cancer)
- सनस्क्रीन का उपयोग करें : अगर आप बहार जा रहे है तो सनस्क्रीन लगाए और सूरज की हानिकारक किरणों के प्रभाव को अपने ऊपर ना पड़ने दें।
- ब्रैंड और हाई क्वालिटी वाले सनस्क्रीन का उपयोग करें जो आपको दोनों हानिकारक किरणे जैसे UVA और UVB रेडिएशन से सुरक्षित रखे।
- सुरक्षा प्रदान करने वाले उपकरण जैसे लम्बे स्लीव्स के टॉप, लम्बी पतलून, सूरज से बचने के लिए हैट और सनग्लास्सेस का उपयोग करें।
- अपनी त्वचा को नियमित समय से देखते रहें।
- तंबाकू का उपयोग करना बंद करें।
- एक स्वस्थ आहार को बनाए रखें और रोजाना व्यायाम करें।
- शराब और शराब से जुड़े पदार्थो का सेवन ना करें।
- ज्यादा हरी सब्जियां, दाल और पोषण से भरपूर खाने को खाए।
- अपने शरीर के वजन को संतुलित बनाए रखें।
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