माइग्रेन (migraine) कोई नयी चीज़ नहीं है जो आप पहली बार सुन रहे है, 4 में से 1 महिला और 12 में से 1 पुरुष माइग्रेन की समस्या से गुज़र ...

माइग्रेन
(migraine) कोई नयी चीज़ नहीं है जो आप पहली बार सुन रहे है, 4 में से 1
महिला और 12 में से 1 पुरुष माइग्रेन की समस्या से गुज़र रहे है। माइग्रेन
एक ऐसी समस्या है जिसमे सिरदर्द, रोग और उल्टी होती है। माइग्रेन के निदान
के बाद पेनकिलर, एंटी सिकनेस (anti sickness) दवाई, एंटी इंफ्लेमेटरी
दवाइयां से दूर रहें क्यूंकि इनके कारण माइग्रेन और भी बिगड़ सकता है। लेकिन
माइग्रेन की दवाई लेने से आपको माइग्रेन के अटैक और सिरदर्द से छुटकारा
प्राप्त हो सकता है। यह पता चला है की माइग्रेन कम उम्र से ही शुरू होता है
जैसे की बचपन या जवानी में। इनके अटैक को आप कुछ हफ्तों बाद अनुभव कर सकते
है या यह कुछ समय बाद भी उत्पन्न हो सकते है। माइग्रेन कुछ सालो बाद दूर
हो सकता है या ये जीवन भर आपके साथ रह सकता है।
माइग्रेन एक ऐसा दर्द है जो माथे या सिर पर होता है। यह एक क्रोनिक न्यूरोलॉजिकल डिजीज (chronic neurological disease) है जो बार- बार सिरदर्द को उत्पन्न करती है। यह एक फिजियोलॉजिकल कंडीशन (physiological condition) है जो अनेक आटोमेटिक नर्वस सिस्टम के कारण उत्पन्न होती है। ज्यादातर लोग जो माइग्रेन से गुज़र रहे है उनको सिरदर्द आधे सिर पर होता रहता है। यह सिरदर्द उनमें 2 घंटे से 72 घंटे तक रह सकता है। माइग्रेन के कुछ लक्षण उल्टी, लाइट से परेशानी और आवाज से भी परेशानी और साथ ही जी मिचलाना (nausea) है।
माइग्रेन एक ऐसी परिस्तिथि है जहाँ दर्द की परिस्तिथि को महसूस किया जा सकता है। जब भी माइग्रेन व्यक्ति पर अटैक करता है तब सिरदर्द बहुत ज्यादा गंभीर हो जाता है। माइग्रेन के इलाज को करने से पहले आपको इनके लक्षण के बारे में पता ज़रूर होना चाहिए। अगर सिरदर्द हल्का है तो आप इसका इलाज घर पर कर सकते है। लेकिन अगर यह ज्यादा बढ़ रहा है तो आपको कठिन मेडिकेशन की आवश्यकता है।
क्लासिक माइग्रेन (classic migraine) एक ऐसा है जो 4 में से 1 माइग्रेन से गुज़र रहे व्यक्ति में पाया जाता है। ये माइग्रेन, औरा से जुड़ा हुआ है जिसे महसूस किया जा सकता है, ज्यादातर विसुअल औरा (visual aura)। अन्य लक्षण सामान्य माइग्रेन के लक्षण की तरह है।
माइग्रेन एक ऐसा दर्द है जो माथे या सिर पर होता है। यह एक क्रोनिक न्यूरोलॉजिकल डिजीज (chronic neurological disease) है जो बार- बार सिरदर्द को उत्पन्न करती है। यह एक फिजियोलॉजिकल कंडीशन (physiological condition) है जो अनेक आटोमेटिक नर्वस सिस्टम के कारण उत्पन्न होती है। ज्यादातर लोग जो माइग्रेन से गुज़र रहे है उनको सिरदर्द आधे सिर पर होता रहता है। यह सिरदर्द उनमें 2 घंटे से 72 घंटे तक रह सकता है। माइग्रेन के कुछ लक्षण उल्टी, लाइट से परेशानी और आवाज से भी परेशानी और साथ ही जी मिचलाना (nausea) है।
माइग्रेन एक ऐसी परिस्तिथि है जहाँ दर्द की परिस्तिथि को महसूस किया जा सकता है। जब भी माइग्रेन व्यक्ति पर अटैक करता है तब सिरदर्द बहुत ज्यादा गंभीर हो जाता है। माइग्रेन के इलाज को करने से पहले आपको इनके लक्षण के बारे में पता ज़रूर होना चाहिए। अगर सिरदर्द हल्का है तो आप इसका इलाज घर पर कर सकते है। लेकिन अगर यह ज्यादा बढ़ रहा है तो आपको कठिन मेडिकेशन की आवश्यकता है।
मायग्रेन से पहले की चुनौती (Challenges before migraine)
व्यक्ति जो माइग्रेन से गुज़र रहे है उन्हें लगातार दर्द का शिकार बनना पड़ता है। सिरदर्द और ट्रिगर को सही से लिंक करने के लिए हाई एक्सपेरिमेंट रिसर्चर द्वारा चल रहा है। एक्सपेरिमेंट से यह पता चलता है की ट्रिगर ज्यादातर चुनैतियों के कारण उत्पन्न होता है।मायग्रेन के प्रकार (Types of migraine)
माइग्रेन दो प्रकार का है- औरा (aura) बिना माइग्रेन अटैक (सामान्य माइग्रेन)
- औरा सहित माइग्रेन (क्लासिक माइग्रेन)
क्लासिक माइग्रेन (classic migraine) एक ऐसा है जो 4 में से 1 माइग्रेन से गुज़र रहे व्यक्ति में पाया जाता है। ये माइग्रेन, औरा से जुड़ा हुआ है जिसे महसूस किया जा सकता है, ज्यादातर विसुअल औरा (visual aura)। अन्य लक्षण सामान्य माइग्रेन के लक्षण की तरह है।
माइग्रेन का कारण (Causes of migraine)
माइग्रेन का कारण सही से पता नहीं लग सका है। रिसर्च के अनुसार ब्रेन के ब्लड सेल्स संकीर्ण होने से औरा होता है। दूसरे थ्योरी का यह कहना है की ब्रेन में केमिकल काज से ब्रेन भ्रामक संकेत (confusing signal) भेजता है। लेकिन इतना पता चला है की माइग्रेन इनहेरिटेड (inherited) नहीं है, अगर परिवार में किसी को भी माइग्रेन है तो ज़रूरी नहीं की वो आपको भी होगा। इसका सही से यह पता चला है की इसका कारण जेनेटिक (genetic) हो सकता है।आधा सिर दर्द, माइग्रेन में औरा (Aura in migraine)
कुछ लोग माइग्रेन में औरा को महसूस करते है। औरा का उदहारण है विसुअल (visual) जैसे की लाइन्स, अस्थिर लाइट और स्पॉट। कुछ लोग तो दांतेदार लाइन को भी देखते है। जो की आगे जाकर क्रॉस हट्चेस (cross hatches) की तरह दिखने लगती है। आप कर्व दिशा में देख और महसूस भी कर सकते है। आप बहुत से लोगो को भी देख सकते है जो औरा से बिना माइग्रेन के गुज़र रहे होते है।माइग्रेन का सिरदर्द से चिडचिडाहट (Irritation)
ज्यादातर लोग जो माइग्रेन से गुज़र रहे होते है वे चिडचिडाहट की समस्या का भी सामना कर रहे होते है। जो लोग औरा सहित माइग्रेन के शिकार होते है उनमे चिडचिडाहट ज़रूर पायी जाती है। एक डच (dutch) साइंटिस्ट ने माइग्रेन और डिप्रेशन के बीच संबंध को पता लगाया है। जो व्यक्तीं को मध्यम या गंभीर डिप्रेशन होता है वे माइग्रेन से ज्यादा गुज़रते है।नींद की कमी (Lack of sleep)
जिनको माइग्रेन होता है वे इसको रात को सोने के समय भी महसूस करते है। ज्यादा सिरदर्द होने से उन्हें नींद की कमी से भी गुज़रना पड़ता है। बिना नींद के रात गुजारना बहुत ही कठिन होता है। जैसे की उन्हें नींद नहीं आती, उनमे वे विस्कस साइकिल (viscous cycle) दुबारा शुरू हो जाता है। रिसर्च के अनुसार जो लोग नींद की कमी से गुज़र रहे होते है उनमे माइग्रेन उत्पन्न हो सकता है।आँखों में पानी और भरी नाक (Watery eyes and stuffy nose)
माइग्रेन की समस्या आँखों और नाक से भी जुडी होती है। जो लोग को माइग्रेन से सिरदर्द रहता है उनकी आँखों में पानी और नाक ज्यादातर भरा रहता है। ये समस्या से आपको मीटिंग या महत्वपूर्ण विचार – विमर्श के दौरान शर्मिन्दिगी भी महसूस करनी पड़ सकती है।माइग्रेन के लक्षण भोजन लालसा (Food carving)
ये भी पता चला है की जो व्यक्ति माइग्रेन से गुज़र रहा होता है वो ज्यादातर भोजन लालसा से भी गुज़र रहा होता है। महिलाओं में ज्यादातर ये लालसा चॉकलेट (chocolate) के प्रति देखी गयी है।माइग्रेन सिरदर्द में आँखों में दर्द (Eye pain)
जैसे की आपको पता है की माइग्रेन आँखों से जुडा हुआ है तो आँखों का दर्द इस दौरान सामन्य है। ज्यादातर लोग काम के स्ट्रेस को आँखों का दर्द का कारण समझते है लेकिन यह माइग्रेन का एक साइड इफ़ेक्ट (side effect) है। आपको इसका इलाज करना है तो आपको डॉक्टर के पास जाना होगा। कोई भी फैसला लेने से पहले आपको अनुभवी डॉक्टर से परामर्श ले लेना चाहिए।माइग्रेन का निदान (Diagnosis of migraine)
माइग्रेन का निदान उसके लक्षण में ही है। लेकिन ऐसा कोई टेस्ट नहीं है जिस से माइग्रेन का पता लग सके, यह केवल उसके लक्षणों से ही पता लगाया जा सकता है। ऐसे भी बहुत से लोग है जिनको सिरदर्द होता है लेकिन उनको माइग्रेन नहीं है। माइग्रेन को ज्यादातर लक्षणों से पहचाना जाता है और फिर इन लक्षणों पर टेस्ट किया जा सकता है। अगर आपको माइग्रेन है तो आप अटैक के दौरान लक्षणों को नहीं महसूस कर सकते। अगर ज्यादा लम्बे समय तक आपको सिरदर्द हो, जो जाने का नाम नहीं ले रहा हो तो ज़रूरी नहीं की आपको माइग्रेन है।माइग्रेन का इलाज कैसे किया जाये? (How to cure migraine?)
माइग्रेन से छुटकारा पाने के लिए अनेक इलाज है अगर उनका पालन सही रूप से किया जाए तो,- पेनकिलर (Painkillers) : एस्पिरिन (aspirin) और पेरासिटामोल (paracetamol) माइग्रेन के लिए सही उपयोगी है, अगर इन्हें माइग्रेन की समस्या गंभीर होने से पहले लिया जाये तो, इनके कारण माइग्रेन पूर्ण तरह से दूर हो सकता है। दवाइयों का असर गंभीरता के ऊपर निर्भर रहता है।
- एंटी इंफ्लेमेटरी पेनकिलर (Anti-inflammatory painkillers) : इन पेनकिलर का प्रभाव पेरासिटामोल जैसे पेनकिलर से ज्यादा होता है क्यूंकि इनमे इबुप्रोफें (ibuprofen) पाया जाता है। ये कोई भी फरमासी की दूकान में उपलब्ध रहती है।
- त्रिप्टन मेडिसिन (Triptan medicines) : अगर पेनकिलर काम नहीं कर रही होती है तो माइग्रेन की गंभीरता के अनुसार त्रिप्टन दवाई दी जाती है जैसे की एलीत्रिप्टन (eletriptan), अल्मोत्रिप्टन (almotriptan), फ्रोवात्रिप्टन (frovatriptan), रैजात्रिप्टन (rizatriptan) और अन्य। ये ब्रेन केमिकल 5HT के साथ मिलती है, जो की माइग्रेन के कारण ब्रेन में हुए केमिकल बदलाव को विकल्प करता है।
माइग्रेन के लक्षण (Symptoms of migraine)
- सिरदर्द ज्यादातर साइड, या सिर के उपरी भाग या आगे के भाग पर हो सकता है।
- ये दर्द ज्यादातर आधे घंटे के लिए 2 से 3 दिन तक बना रहता है।
- ये दर्द सिर के पूर्ण हिस्सों से उत्पन्न होता है।
- सिर में प्रेशर, हल्के से मध्यम की ओर बढ़कर गंभीर हो सकता है।
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