मूड स्विंग्स (mood swings) माहवारी के पहले या इन दौरान एक सामान्य समस्या है जो कम उम्र की महिलाओं को इनका सामना करना पड़ता है। लेकिन...

मूड
स्विंग्स (mood swings) माहवारी के पहले या इन दौरान एक सामान्य समस्या है
जो कम उम्र की महिलाओं को इनका सामना करना पड़ता है। लेकिन मूड स्विंग्स
भी व्यक्ति के ऊपर निर्भर रहते है। बहुत सी महिलाओं के लिए यह एक चिडचिडाहट
है जो शाररीक असुविधाजनक उत्पन्न होती है और कुछ महिलाओं के लिए यह
डिप्रेशन भी बन सकता है। अगर आप भी माहवारी / पीरियड्स के पहले या इस
दौरान डिप्रेशन का शिकार बनती है तो घबराए मत क्यूंकि आप केवल इस समस्या से
नहीं गुज़र रही है बल्कि आपकी तरह ओर भी बहुत सी महिलाए इस समस्या का सामना
कर रही है।
अब तक साइंटिस्ट एक सही कारण जिन से माहवारी डिप्रेशन और मूड स्विंग्स होता है उनके बारे में जान नहीं पाए है। मूड स्विंग्स को शाररीक असुविधाजनक के कारण उत्पन्न होना माना जा रहा है और शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा के बदलाव के कारण डिप्रेशन होना माना जा रहा है, जो ब्रेन केमिकल सेरोटोनिन (serotonin) की मात्रा पर असर डालता है जिस से डिप्रेशन बनता है। इस आर्टिकल में कुछ लाइफ स्टाइल बदलाव को दर्शाया गया है जिस से आप माहवारी डिप्रेशन और मूड स्विंग्स का इलाज कर सकेंगी।
प्री- मेन्स्त्रुअल के दौरान या माहवारी के पहले कुछ दिनों में अगर आप मूड स्विंग्स या डिप्रेशन से गुज़रती है तो आपको कोई कठिनाई वाली एक्स्सरसाईस करने की कोई आवश्यकता नहीं। आप कुछ साधारण सा व्यायाम कर सकती है जैसे की चलना , हलके से जॉगिंग करना , भागना , साइकिलिंग करना , कुछ रोजाना फ्री हैण्ड एक्स्सरसाईस करना, इन सब से आप बेहतर महसूस कर सकती है। अगर आप एक्टिव स्पोर्ट्स (active sports) में भाग लेती है तो इस से भी आपको मूड स्विंग्स और डिप्रेशन को सुधारने में सहायता प्राप्त हो सकती है।
माहवारी डिप्रेशन के लक्षण (Menstrual depression symptoms)
महिलाओं में माहवारी को एस्ट्रोजन (estrogen) और प्रोजेस्टेरोन (progesterone) नामक हॉर्मोन नियंत्रित करते है। अलग मात्रा में इन हॉर्मोन का बनना और वो भी माहवारी के अलग समय के दौरान, इनसे आपके शरीर के साथ आपके दिमाग पर भी असर पड़ता है। बहुत सी महिलाओं के लिए प्री- मेन्स्त्रुअल (pre- menstrual) मूड स्विंग्स जैसे की चिडचिडाहट , थकान , कम एनर्जी , भूख की कमी होती है लेकिन बहुत सी और भी महिलाओं को गंभीर समस्या जैसे की चिंता, आंतक के हमले (panic attacks) , रोना , ध्यान नहीं लगा पाना , निराशा और अन्य से गुज़रना पड़ता है। अगर यह सब समस्या माहवारी / पीरियड्स के पहले या दौरान तक रहती है और फिर कुछ दिनों बाद अपने आप चली जाती है तो जान लीजिये की आपके हॉर्मोन आपके साथ खेल रहे है जिस कारण आपको मूड स्विंग्स और डिप्रेशन से गुज़रना पड़ रहा है।बाहर निकलने का उपाय (The way out)
अगर माहवारी के दौरान आप मूड स्विंग्स से गुज़र रही है तो इसे डिप्रेशन नहीं माना जा सकता, आपको बस यह याद रखना है की ये सब आपके साथ हॉर्मोन के कारण हो रहा है और कुछ नहीं, इस से आपको बड़ी सहायता प्राप्त हो सकती है। अगर आपके लक्षण ज्यादातर डिप्रेशन की ओर है तो आपको कुछ उपाय को अपनाना चाहिए ताकि यह समस्या गंभीर ना बन सके। सबसे बढ़िया बात यह है की माहवारी डिप्रेशन जिसे प्री मेन्स्त्रुअल लक्षण (pre- menstrual symptoms) भी कहा जाता है इनका इलाज आप कुछ दवाइयाँ और लाइफ स्टाइल में बदलाव के कारण कर सकती है। इसलिए यह श्रेष्ठ होगा की आप माहवारी / पीरियड्स से पहले या इस दौरान हो रहे डिप्रेशन का इलाज कुछ लाइफ स्टाइल में बदलाव कर- कर देखें। अगर इन लाइफ स्टाइल बदलाव के कारण कोई असर नहीं हो रहा है तो आप अपनी प्रसूतिसास्री (gynecologist) से परामर्श ले सकती है।अब तक साइंटिस्ट एक सही कारण जिन से माहवारी डिप्रेशन और मूड स्विंग्स होता है उनके बारे में जान नहीं पाए है। मूड स्विंग्स को शाररीक असुविधाजनक के कारण उत्पन्न होना माना जा रहा है और शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा के बदलाव के कारण डिप्रेशन होना माना जा रहा है, जो ब्रेन केमिकल सेरोटोनिन (serotonin) की मात्रा पर असर डालता है जिस से डिप्रेशन बनता है। इस आर्टिकल में कुछ लाइफ स्टाइल बदलाव को दर्शाया गया है जिस से आप माहवारी डिप्रेशन और मूड स्विंग्स का इलाज कर सकेंगी।
एक्स्सरसाईस (Periods mei depression ke liye exercise)
प्री- मेन्स्त्रुअल के समय भले ही आपको शाररीक सम्बंधित एक्स्सरसाईस करना ना पसंद हो लेकिन इस दौरान व्यायाम करने से आप डिप्रेशन को श्रेष्ठ रूप से दूर करती है। यह माना जाता है की एस्ट्रोजन मात्रा की कमी, शरीर में माहवारी के दौरान होने के कारण, ब्रेन में सेरोटोनिन जो की एक बढ़िया महसूस कराने वाला हॉर्मोन है उस पर असर पड़ता है और इस कारण मूड स्विंग्स और डिप्रेशन उत्पन्न होते है। व्यायाम करने से शरीर में सेरोटोनिन को बढ़ाया जा सकता है और इस तरह मूड को संतुलित रखा जा सकता है और साथ ही डिप्रेशन का इलाज करा जा सकता है।प्री- मेन्स्त्रुअल के दौरान या माहवारी के पहले कुछ दिनों में अगर आप मूड स्विंग्स या डिप्रेशन से गुज़रती है तो आपको कोई कठिनाई वाली एक्स्सरसाईस करने की कोई आवश्यकता नहीं। आप कुछ साधारण सा व्यायाम कर सकती है जैसे की चलना , हलके से जॉगिंग करना , भागना , साइकिलिंग करना , कुछ रोजाना फ्री हैण्ड एक्स्सरसाईस करना, इन सब से आप बेहतर महसूस कर सकती है। अगर आप एक्टिव स्पोर्ट्स (active sports) में भाग लेती है तो इस से भी आपको मूड स्विंग्स और डिप्रेशन को सुधारने में सहायता प्राप्त हो सकती है।
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