भारत में हर वर्ष करोड़ो देशी-विदेशी लोग जगह-जगह खान-पान को चख कर हमारी संस्कृति का जायज़ा लेते है या यूँ कहिये कि कई बार भोज से जगहों को ...

तैयारी में लगने वाला समय (Preparing time) : 4 घंटे (भिगोने के लिए) 10 घंटे (खमीर उठाने के लिए)
पकाने में लगने वाला समय (Cooking time) : 2-3 मिनट (प्रत्येक डोसे के लिए)
तैयार परोसे (Servings) : 6-7 व्यक्तियों के लिए (12-14 डोसे)
डोसा रेसिपी में लगने वाली सामग्री (Ingredients for instant plain dosa)
- 1 कप कच्चे चावल (सोना मसूरी चावल)
- 1 कप इडली चावल
- 1/2 कप उड़द दाल
- 2 बड़ी चम्मच चने की दाल
- मेथी के बीज
- नमक (स्वाद अनुसार)
- वनस्पति तेल (पकाने के लिए)
क्रिस्पी डोसा बनाने का तरीका (Method to make plain paper dosa)
- सबसे पहले कच्चे चावल , इडली चावल , उड़द दाल , चने की दाल और मेथी के बीजों को एक बर्तन में एकत्र कर लें और फिर पानी डालकर लगभग 4 घंटे के लिए एकत्रित मिश्रण को भिगोने के लिए रख दें।
- मिश्रण सामग्री को 4 घंटे भिगोए रखने के बाद बर्तन से पानी को बहा दें और सामग्री को मिक्सी में डाल दें, फिर सामग्री में अच्छी मात्रा में पानी मिलाएं और पतले बैटर (डोसा बनाने का तरल मिश्रण) में पीस लें। जब पतला बैटर तैयार हो जाए तब बैटर में नमक डालकर मिला लें और खमीर उठाने के लिए 10-12 घंटो के लिए रख दें।
- जब डोसे के बैटर में खमीर उठ कर तैयार हो जाए तब लोहे के तवे (या नॉन स्टिक तवे) को गर्म करने के लिए चूल्हे की आंच पर चढ़ा दें । तवे के गर्म हो जाने पर 1 1/2 चमचा बैटर को तवे के बीचों बीच डालें और उसको चमचे (या लकड़ी के चमचे) से फैलाते हुए पतला गोला बना लें।
- बैटर का पतला गोला बनाने के बाद उसके चारो ओर थोड़ा सा तेल छिड़कें और मंदी आंच पर पकाएं , जब पक कर बैटर ‘सुनहरे-भूरे रंग’ का हो जाए तब उसे तह (फोल्ड) कर तवे से उतार लें।
- लीजिये आपका क्रिस्पी डोसा तैयार है, इसी तरह बाकी के डोसे भी बनाए और उन्हें सांभर और गोले की चटनी के साथ परोसें। डोसों को बनाते समय देखरेख ज़्यादा महत्वपूर्ण होती है इसलिए इस लेख (आर्टिकल) में सुझाव और समीक्षा पर अधिक प्रकाश डाला गया है ।
सुझाव एवं समीक्षा (Suggestions and reviews)
- कुरकुरे डोसे को बनाने के लिए ध्यान रखें की बैटर में खमीर का सही से उठना आवश्यक है, इसलिए अगर आप किसी ठन्डे पर्वतीय क्षेत्र में रहते है तो बैटर को किसी गर्म स्थान या ओवन में रखें। किन्तु ये भी ध्यान रखें की अगर अधिक समय के लिए बैटर को रखा तो खमीर ज़्यादा उठ जाएगा और इससे तैयार होने वाले डोसे का स्वाद खट्टा हो जाएगा।
- डोसे के बैटर को इडली की बैटर से पतला रखना जरूरी है, अगर आपको डोसे की बैटर गाढ़ी प्रतीत हो तो उसमें पानी डालकर उसे पतला कर लें नहीं तो पकाते समय डोसा तवे पर चिपक सकता है। ध्यान रखें यदि डोसा लोहे के तवे पर बना रहें है तो डोसा बनाने से पहले तवे पर तेल को फैला लें (तेल से ग्रीसिंग) कर लें।
- डोसों को बनाते समय तवे का ताप बढ़ता रहता है ऐसे में बैटर तवे पर डालते ही थोड़ा पक जाता है और उसे फैलने में मुश्किल होती है, इसलिए कुछ डोसे बनाने के बाद तवे के अत्यधिक तापमान को नियंत्रित रखने के लिए तवे पर थोड़ा पानी छिड़क के उसे किसी साफ कपड़े से साफ करें और फिर डोसों को बनाना पुनः शुरू करें इससे आप लंबे अंतराल तक प्रभावी डोसों को बगैर जलाएं बना सकते है।
- अगर आप 3-4 दिनों के लिए डोसा बनाना चाहते है तो डोसे की बैटर को अलग-अलग डिब्बों में रख कर रेफ्रीजिरेटर में रखें और हर दिन डोसों की मात्रा के अनुकूल एक डिब्बे की बैटर प्रयोग में लेने के बाद ही दूसरे डिब्बों की बैटर इस्तेमाल करें। ये भी ध्यान रखें की डोसा बनाने से 10-15 मिनट पहले बैटर को फ्रिज से निकालकर रख लें और उसके बाद ही डोसा बनाने की शुरुआत करें।
- डोसे को बनाते समय आप तेल के अलावा घी या मक्खन का उपयोग भी कर सकते है, हालांकि तिल के तेल से डोसा बनाने को स्वास्थ्य से संबंधित अधिक फायदेमंद माना गया है।
परोसने के उत्कृष्ट तरीके (Best ways of serving)
दक्षिण भारत में डोसे को सांभर और गोले की चटनी के साथ केले के पत्ते पर बड़ी ही सादगी और निराले तरीके से परोसा जाता है। डोसे को अन्य भोज जैसे “कल्याण गोत्सु”, “कथ्रिक्काई गोत्सु”, “कल्याण सांभर” और अन्य किसी भी सब्जी के साथ परोस कर भी इसका आनंद लिया जा सकता है।
COMMENTS