आँतो मे होने वाले परजीवी (aant ke kide), एक प्रकार का सूक्ष्म जीव है जिसे की प्रोटोजोआ भी कहा जाता हैं। ये परजीव दूषित पानी या हाथ, या...
आँतो
मे होने वाले परजीवी (aant ke kide), एक प्रकार का सूक्ष्म जीव है जिसे की
प्रोटोजोआ भी कहा जाता हैं। ये परजीव दूषित पानी या हाथ, या त्वचा के
संपर्क से, कच्चा या मैला खाना खाने से मुंह के माध्यम से आंत में जा सकते
हैं, और कुछ मामलों में अनईलिनगुस (जीभ या मुंह से लिंग के यौन उत्तेजना)
की यौन क्रिया से भी शरीर के अंदर प्रवेश कर सकते है। ये परजीवी जिंदगी के
लिए काफ़ी भारी पड़ सकते है।
ये परजीवी मुख्यता 2 प्रकार के होते है हेलमींथ्स और प्रोटोजोआ। ये परजीवी आसानी से आपके शरीर मे हो सकते है यदि आपको संक्रमित मल की समस्या हो जाए।
ये परजीवी मुख्यता 2 प्रकार के होते है हेलमींथ्स और प्रोटोजोआ। ये परजीवी आसानी से आपके शरीर मे हो सकते है यदि आपको संक्रमित मल की समस्या हो जाए।
कृमि रोग के लक्षण – लक्षण (Symptoms)
परजीव आपके शरीर मे कई सालो तक रह सकते है और आपको पता भी नही चलेगा लेकिन इनमे से कुछ लक्षण यहा बताए गए है।- दस्त
- सिरदर्द
- बुखार
- जोड़ो मे दर्द
- सीने में दर्द
- पसीना आना
- चेहरे में सूजन
- बालों का झड़ना
- काले घेरे
- लगातार भूख लगना
पेट में कृमि – कारण (Causes)
- परजीवी के होने के निम्न कारण हो सकते है।
- हुक वॉर्म्स शरीर में प्रवेश कर सकते हैं अगर धरती पर पैदल लंबी दूरी तक नंगे पैर चले।
- गंदगी के संपर्क मे आने से या संक्रमित मल वाले व्यक्ति के संपर्क मे आने से।
- गंदे अंडे, भोजन खाने से भी परजीवी शरीर मे हो सकते है।
COMMENTS