प्याज़ (onion) भारतीय रसोई की एक सबसे सामान्य सब्जी है, जिसका प्रयोग मसाले के रूप में और सब्जी के स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है।...

प्याज़
(onion) भारतीय रसोई की एक सबसे सामान्य सब्जी है, जिसका प्रयोग मसाले के
रूप में और सब्जी के स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है। प्याज़ कई
व्यंजनों को पकाने की एक आधारभूत चीज़ है जिसका व्यंजन में पकाकर, भाप में
तथा कच्चे रूप में, लगभग हर तरीके से इस्तेमाल किया जाता है। इसमें कई
प्रकार के रोगनिवारक गुण पाये जाते हैं जिनका इस्तेमाल कर स्वास्थ्य लाभ
लिया जा सकता है। प्याज़ लहसुन की ही तरह लिली परिवार (lily family) से
संबन्धित पौधा है जिसमें पोटेशियम (potassium), आयरन (iron), सोडियम
(sodium) और फाइबर (fibre) जैसे गुण मौजूद होते हैं। कच्चे प्याज़ में सल्फर
(sulphur) तत्व की बहुलता पाई जाती है जिसकी वजह से इसके औषधिय गुण सेहत
के लिए और भी लाभकारी हो जाते हैं परंतु पकाने के बाद यही तत्व नष्ट हो
जाते हैं।
यही कारण है कि, कच्ची अवस्था में प्याज़ में मौजूद सल्फर तत्व बहुत ज़्यादा सक्रिय होते हैं और पकने के बाद इनकी सक्रियता ना के बराबर रह जाती है, और प्याज़ के रोगनिवारक गुण कम हो जाते हैं। जब इसे कच्चा खाया जाता है तो इसका स्वाद कुछ चरपरा सा लगता है और कुछ लोगों को इसे पचाने में भी कुछ तकलीफ होती है। अगर आप प्याज़ को कच्चा खाने में किसी प्रकार की असुविधा महसूस करते हैं तो आपको विभिन्न तरीके से पकाकर प्याज़ का सेवन करना चाहिए। विभिन्न तरीकों से पकाकर इसके स्वाद को बढ़ाया जा सकता है तथा आपको किसी प्रकार की असुविधा भी नहीं होती है। खासतौर पर ऐसे संवेदनशील लोग जो पेट की समस्या का शिकार होते हैं उनके लिए यह सबसे अच्छा तरीका है। इसे किसी भी व्यंजन में डालकर पकाने से उस व्यंजन में एक अलग स्वाद और खुशबू आ जाती है जो कच्चे प्याज़ की गंध से कम तीखी और स्वाद में भी अच्छी होती है।
हमारे यहाँ सब्जी में करी (curry) के स्वाद को बढ़ाने के लिए प्याज़ का इस्तेमाल किया जाता है। जब तेल में कच्चे प्याज़ का तड़का लगाया जाता है तो इसकी खुशबू से मुंह के साथ मन भी खिल उठता है। इसकी खुशबू और टेस्ट खाने के स्वाद को और भी बढ़ा देते हैं। ऐसे लोग जो प्याज़ का सेवन नहीं करते वो लोग इसके सेहत से जुड़े फायदे जानकार अपने नियमित भोजन में प्याज़ का प्रयोग करने लगेंगे। प्याज़ से जुड़े सेहत के लाभ इस प्रकार हैं जिन्हें पढ़कर आप भी प्याज़ खाने के शौकीन हो जाएंगे।
यही कारण है कि, कच्ची अवस्था में प्याज़ में मौजूद सल्फर तत्व बहुत ज़्यादा सक्रिय होते हैं और पकने के बाद इनकी सक्रियता ना के बराबर रह जाती है, और प्याज़ के रोगनिवारक गुण कम हो जाते हैं। जब इसे कच्चा खाया जाता है तो इसका स्वाद कुछ चरपरा सा लगता है और कुछ लोगों को इसे पचाने में भी कुछ तकलीफ होती है। अगर आप प्याज़ को कच्चा खाने में किसी प्रकार की असुविधा महसूस करते हैं तो आपको विभिन्न तरीके से पकाकर प्याज़ का सेवन करना चाहिए। विभिन्न तरीकों से पकाकर इसके स्वाद को बढ़ाया जा सकता है तथा आपको किसी प्रकार की असुविधा भी नहीं होती है। खासतौर पर ऐसे संवेदनशील लोग जो पेट की समस्या का शिकार होते हैं उनके लिए यह सबसे अच्छा तरीका है। इसे किसी भी व्यंजन में डालकर पकाने से उस व्यंजन में एक अलग स्वाद और खुशबू आ जाती है जो कच्चे प्याज़ की गंध से कम तीखी और स्वाद में भी अच्छी होती है।
हमारे यहाँ सब्जी में करी (curry) के स्वाद को बढ़ाने के लिए प्याज़ का इस्तेमाल किया जाता है। जब तेल में कच्चे प्याज़ का तड़का लगाया जाता है तो इसकी खुशबू से मुंह के साथ मन भी खिल उठता है। इसकी खुशबू और टेस्ट खाने के स्वाद को और भी बढ़ा देते हैं। ऐसे लोग जो प्याज़ का सेवन नहीं करते वो लोग इसके सेहत से जुड़े फायदे जानकार अपने नियमित भोजन में प्याज़ का प्रयोग करने लगेंगे। प्याज़ से जुड़े सेहत के लाभ इस प्रकार हैं जिन्हें पढ़कर आप भी प्याज़ खाने के शौकीन हो जाएंगे।
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